Saturday, November 29, 2008

मुझे जन्म दो....

हुमक हुमक गाने दो मुझको 
यूँ मत मर  जाने दो मुझको
जीवन   भर      आभार करूँगी
माँ मैं    तुमसे प्यार    करूँगी
मैं    तेरी   ही    बेटी    हूँ     माँ
मुझे जन्मदो,मुझे जन्म दो
मैं   भी तो हूँ    अंश तुम्हारा
मैं भी    तो हूँ   वंश तुम्हारा
पापा   को समझा कर देखो
सारी    बात   बता कर देखो
बिगडा   है अनुपात बताओ
क्या होंगे    हालात बताओ
फिर भी अगर न पापा माने
रोऊँगी    मनुहार      करूँगी
जीवन भर   आभार करूँगी
मैं    तेरी      ही बेटी हूँ माँ
मुझे जन्मदो, मुझे जन्मदो
लक्ष्मीबाई     मदर     टेरेसा
क्या कोई बन पाया वैसा
मत कहना इक धाय है पन्ना
ममता का अध्याय है पन्ना
ये बाते    बतलाओ    अम्मा
दादी को समझाओ अम्मा
मैं नन्ही     पोती,   दादी के
सब गुण अंगीकार करूँगी
जीवन भर आभार करूँगी
माँ मैं तुमसे प्यार करूँगी
मै    तेरी      ही बेटी हूँ माँ
मुझे जन्म दो,मुझे जन्म दो
लड जाऊंगी हर मोसम से
धूप अगर हो   छाँव बनूँगी
तेरे लिए खुशी हो जिसमें
ऐसी इक मैं    ठाँव बनूँगी
तेरा हर    इक आँसूं पोंछूँ
और यही हर    बार करूँगी
जीवन भर आभार करूँगी
माँ मैं तुमसे प्यार करूँगी
मैं    तेरी    ही    बेटी हूँ माँ
मुझे जन्म दो, मुझे जन्म दो
अंतरिक्ष में जाकर के माँ
रोशन तेरा    नाम करूँगी
जो-जो बेटे कर सकते हैं
हर वो पूरा   काम करूँगी
नाम से तेरे जानी जाऊँ
ये    मैं    बारंबार      करूंगी
जीवन भर आभार करूँगी
माँ मैं तुमसे प्यार करूँगी
में    तेरी     ही बेटी हूँ माँ
मुझे जन्म दो, मुझे जन्म दो
पापा का जो स्वपन अधूरा
उसको      पूरा कर डालूँगी
उनको दूँगी गीत खुशी के
पापा के दुःख में गा लूँगी
अपने     प्यारे पापा का मैं
हर सपना साकार करूँगी
जीवन भर आभार करूँगी
माँ मैं तुमसे प्यार करूँगी
मैं     तेरी     ही बेटी हूँ माँ
मुझे जन्म दो, मुझे जन्म दो ।
- डा0 अजय जनमेजय



10 comments:

Udan Tashtari said...

हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका हार्दिक स्वागत है. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाऐं.

एक निवेदन: कृप्या वर्ड वेरीफिकेशन हटा लें तो टिप्पणी देने में सहूलियत होगी.

Sulabh Jaiswal "सुलभ" said...

अच्छी रचनाओ का सदैव स्वागत है.. लिखते रहिये..
- सुलभ जयसवाल
सुलभ पत्र - Hindi Kavita Blog
अररिया जिला

ज्योत्स्ना पाण्डेय said...

ek jwalant samasya ka saral aur sukomal chitran ..............blog jagat men aapka swagat hai
kabhi hamare blog par bhi padharen dhanyawaad

मनोज अबोध said...

Ba'khoob docter saheb! badhai !

Amit Kumar Yadav said...

आपकी रचनाधर्मिता का कायल हूँ. कभी हमारे सामूहिक प्रयास 'युवा' को भी देखें और अपनी प्रतिक्रिया देकर हमें प्रोत्साहित करें !!

द्विजेन्द्र ‘द्विज’ said...

बहुत ही मर्म्स्पर्शी अभिव्यक्ति.

आज मनोज भाई के साथ -साथ मुझे आप भी मिल गये
.

द्विजेन्द्र द्विज

gazalkbahane said...

आकर र्गाइब भी हो गए
श्याम सखा
your goodself is welcome at
http://gazalkbahane.blogspot.come/
http://katha-kavita.blogspot.com/

शरद तैलंग said...

कल की मुलाकात के बाद आज आपका ब्लॊग देखा ,वैसे इस कविता को Save the girl child पोस्टर पर देख चुका था किन्तु आज पुन: पढ़ कर अच्छा लगा ।
मेरे ब्लॊग : www.sharadkritya.blogspot.com(ग़ज़लों के लिए) www.sharadvyang.blogspot.com (व्यंग्य के लिए)
www.sharadkiawaz.blogspot.com (मेरे द्वारा गाए फ़िल्मि गीतों के लिए)
शरद तैलंग

ajay janmejay said...

आद० मित्रवर अभिवादन किन्ही कारणोंवश मेरा ब्लोग दिल की दिल से, नहीं चल पा रहा है अत; मैंने अपना नया ब्लोग[drajanmejay.blogspot.com]बनाया है ताकि आप सबके साथ अपनी बातें अपने विचार बाँट सकूँ
आपका अपना डा० अजय जनमेजय

Arshad Ali said...

डॉ अजय साहब ...
आपकी इस कविता को मैंने आज पोस्टर पर पढ़ा
मै अपनी पत्नी के साथ डॉ आरती शुख्ला (बोकारो इस्पात नगर झारखण्ड ) के किलीनिक में इस रचना को पढ़ते हुए भावुक हो गया ...इतनी सुदर अभ्व्यक्ति इतना सुदर अनुरोध ...जितनी तारीफ की जाए कम है..
आपसे फोन पर बात कर मुझे धन्यवाद कहना बेहद ज़रूरी लगा...और आपसे बात कर मुझे बहुत अच्छा लगा....मै आपको फोल्लो कर रहा हूँ...इस टिपण्णी के बाद मै आपके अन्य पोस्ट को भी पढना चाहता हूँ ...
आपके लेखन की तारीफ़ सिर्फ इस रचना के आधार पर कर रहा हूँ ....आगे जैसे जैसे पढूंगा आपकी रचनात्मकता का बिस्लेषण कर पाऊंगा...

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सुन्दर अभिवक्ति के लिए..